उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हमला बोला. उनके बयान के बाद सियासत गरमा गई. अब सीएम योगी ने सपा प्रमुख पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए. उस पर सबका हाथ सेट नहीं हो सकता है. बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो वही बुलडोजर चला सकता है. दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि बुलडोजर अपराधियों पर चला है, लेकिन पेट में दर्द अखिलेश जी के क्यों होता है. बुलडोजर चलाने का सपना मुंगेरीलाल और शेखचिल्ली के सपने जैसा है. अखिलेश यादव सपने में भी दुर्भावनापूर्ण, बदले की राजनीति की बात सोचते हैं. 2027 में जनता अखिलेश के सपनों पर बुलडोजर चलाएगी.
बुलडोजर को लेकर क्या बोले अखिलेश यादव
दरअसल, अखिलेश यादव ने दावा किया है कि यूपी के अगले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार तय है और सपा की सरकार बनेगी. सपा की सरकार बनते ही बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरह मोड़ा जाएगा. अखिलेश यादव के इस बयान की चर्चा तेज हो गई है. अखिलेश यादव ने कहा, ‘2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होगा और देश की राजनीति उसके चुनावी परिणाम से प्रभावित होगी. बीजेपी की सरकार में निर्दोष लोगों को सताया जा रहा है. किसान परेशान हैं. नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है. समाज का हर वर्ग परेशान, बदहाल है.’ यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, ‘2027 में समाजवादी सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा.’ अखिलेश ने ये बातें मंगलवार को लखनऊ में पार्टी के मुख्यालय में कहीं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
बीजेपी का एजेंडा समाज में नफरत फैलाना- अखिलेश
सपा प्रमुख ने कहा कि यूपी में जबसे बीजेपी की सरकार सत्ता में आई हैं प्रदेश हर स्तर पर पिछड़ता चला गया है. विकास पूरी तरह रुक गया है. जनता महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त है. बीजेपी की राजनीति को खत्म करने में पीडीए एक मजबूत भरोसा साबित हुआ है. संविधान और आरक्षण के मुद्दे को और धार देना हैं. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए जातीय जनगणना का होना आवश्यक है. सपा इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है. बीजेपी का राजनीतिक चरित्र ही विकास विरोधी है. पिछले सात सालों में बीजेपी ने विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया है और न ही उसके नेतृत्व के पास विकास का कोई विजन है. बीजेपी का एजेंडा समाज में नफरत फैलाकर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना है. सपा का कार्यकर्ता बीजेपी के इन मंसूबों को कभी भी पूरा नहीं होने देगा.